LYRICS
हिंदी
-- मुखरा --
अफ़सान लिख रही हूँ
अफ़सान लिख रही हूँ
अफ़सान लिख रही हूँ,
दिल-ए-बेक़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
-- अंतरा --
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में,नहीं है बहार में
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
-- अंतरा --
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में,नहीं है बहार में
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में,नहीं है बहार में
जी चाहता है मूँह भी
जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
-- अंतरा --
जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
-- अंतरा --
हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें,ज़माने की दौलतें
हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें,ज़माने की दौलतें
लेकिन नसीब लाई
लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ...
-- अंतरा --
आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये, आँसू भी आ गये
आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये, आँसू भी आ गये
साग़र छलक उठा
साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का
आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का
आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
अफ़सान लिख रही हूँ,
दिल-ए-बेक़रार काआँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
ENGLISH
-- PRELUDE --Afasana likh rahi hoon
Afasana likh rahi hoon
Dil-e-beqaraar ka
Aankhon mein rang Bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon....
-- INTERLUDE --
Jab tu nahi to Kuchh bhi nahi hai bahar mein
Nahi hai bahar mein
Jab tu nahi to Kuchh bhi nahi hai bahar mein
Nahi hai bahar mein
Ji chahta hai munh bhi
Ji chahta hai munh hhi na dekhoon bahar ka
Aankhon mein rang bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon....
-- INTERLUDE --
Haansil hai yun to mujhko zamane ki daulate
Zamane ki daulate
Haansil hai yun to mujhko zamane ki daulate
Zamane ki daulate
Lekin nasib laayi
Lekin nasib laayi hoon, Ik sogavar ka
Aankhon mein rang bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon.....
Zamane ki daulate
Haansil hai yun to mujhko zamane ki daulate
Zamane ki daulate
Lekin nasib laayi
Lekin nasib laayi hoon, Ik sogavar ka
Aankhon mein rang bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon.....
-- INTERLUDE --
Aaja ki ab to aankh mein aansoo bhi aa gaye
Aansoo bhi aa gaye
Aaja ki ab to aankh mein aansoo bhi aa gaye
Aansoo bhi aa gaye
Sagar chhalak utha
Sagar chhalak utha mere sabr-o-qaraar ka
Aankhon mein rang bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon
Afasana likh rahi hoon
Dil-e-beqaraar ka
Aankhon mein rang Bhar ke tere intezar ka
Aansoo bhi aa gaye
Aaja ki ab to aankh mein aansoo bhi aa gaye
Aansoo bhi aa gaye
Sagar chhalak utha
Sagar chhalak utha mere sabr-o-qaraar ka
Aankhon mein rang bhar ke tere intezar ka
Afasana likh rahi hoon
Afasana likh rahi hoon
Dil-e-beqaraar ka
Aankhon mein rang Bhar ke tere intezar ka
ORIGINAL
KARAOKE
About
फिल्म ‘दर्द (1947)’ के गीत “अफसाना लिख रही” का वर्णन कुछ इस प्रकार से हो सकता है:
"जब दिल की गहराइयों से उठती है एक धुन, तो बनता है एक अफसाना। ‘दर्द’ फिल्म का यह गीत “अफसाना लिख रही” न केवल एक गीत है, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है जो सीधे दिल से निकलकर दिल में उतर जाती है। उमा देवी की मधुर आवाज़ में गाया गया यह गीत, नौशाद के संगीत निर्देशन में, आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है।
शकील बदायुनी के लिखे इस गीत में एक दिल बेकरार की कहानी कही गई है, जो अपने प्रेम की गहराई को शब्दों में पिरोता है। ‘दर्द’ फिल्म के इस गीत को सुनकर आप उस दौर में खो जाएंगे, जब प्रेम कहानियां सिर्फ नज़रों से बयां होती थीं।
"जब दिल की गहराइयों से उठती है एक धुन, तो बनता है एक अफसाना। ‘दर्द’ फिल्म का यह गीत “अफसाना लिख रही” न केवल एक गीत है, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है जो सीधे दिल से निकलकर दिल में उतर जाती है। उमा देवी की मधुर आवाज़ में गाया गया यह गीत, नौशाद के संगीत निर्देशन में, आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है।
शकील बदायुनी के लिखे इस गीत में एक दिल बेकरार की कहानी कही गई है, जो अपने प्रेम की गहराई को शब्दों में पिरोता है। ‘दर्द’ फिल्म के इस गीत को सुनकर आप उस दौर में खो जाएंगे, जब प्रेम कहानियां सिर्फ नज़रों से बयां होती थीं।
Step into the nostalgic realm of classic Bollywood with the enchanting song “Afsana Likh Rahi Hoon” from the iconic 1947 movie ‘Dard’. This melodious track, sung by the legendary Uma Devi, captures the essence of an era where music was not just heard but felt deeply.
The song’s lyrics, penned by the poetic genius Shakeel Badayuni, weave a tale of unspoken love and longing. Set to the timeless composition of the maestro Naushad Ali, “Afsana Likh Rahi Hoon” resonates with the emotions of a heart in love, waiting in anticipation.
As you visit lyricsboutique.com, prepare to be transported back in time to the golden age of Hindi cinema. Here, you can delve into the lyrics that speak of love’s beautiful agony, brought to life by the soul-stirring performance of Munawar Sultana and the evocative direction of Abdul Rashid Kardar.
The song’s lyrics, penned by the poetic genius Shakeel Badayuni, weave a tale of unspoken love and longing. Set to the timeless composition of the maestro Naushad Ali, “Afsana Likh Rahi Hoon” resonates with the emotions of a heart in love, waiting in anticipation.
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Credits :
Song: अफसाना लिख रही (Afsana Likh Rahi)
Movie: दर्द (Dard)
Singers: उमा देवी (Uma Devi)
Music Director: नौशाद (Naushad)
Lyricist: शकील बदायुनी (Shakeel Badayuni)
Starring: मुनव्वर सुल्ताना, श्याम कुमार (Munawar Sultana, Shyam Kumar)
Genre: Bollywood Classic
Mood: Romantic, Melancholic
Movie: दर्द (Dard)
Singers: उमा देवी (Uma Devi)
Music Director: नौशाद (Naushad)
Lyricist: शकील बदायुनी (Shakeel Badayuni)
Starring: मुनव्वर सुल्ताना, श्याम कुमार (Munawar Sultana, Shyam Kumar)
Genre: Bollywood Classic
Mood: Romantic, Melancholic