"Taweez" unplugged is a new released hindi song on date : 28 August 2020. Romantic song with soft music. Awesome voice of Singer Vibhas. "Taweez" song is composed by Raj Ashu. The lyrics of the song is penned by Shabbir ahmed.
Find the karaoke and original song video below with hindi and english lyrics of the song.
ABOUT
Title - Taweez unplugged
A film by - Zubair Ahmad Rahmani
Featuring - Mr faisu ,Jannat zubair & Ayaan Zubair
Singer - Vibhas
Produced by - Sweety kapoor
Co-produced by - Paras mehta
Promotions - Nazeen zubair
Composer - Raj ashu
Lyrics - Shabbir ahmed
Language - Hindi
Programmed & mixed by - Stephen frank
Video by - Anish s ajmera
Editor - Ibrahim shaikh
CC - Sadiq shaikh
Scale and Tempo
Scale : B♭ Major
Tempo : 127 BPM
Camelot : 6B
LYRICS
English
-- INTRO --
Awaaz Deke Tu Rok Le
Main Ek Musafir Tu Shoch Le
Aawara Panchi Main Udta Firta
Sukhi Zameen Pe Barish Sa Girta
Koyi Hosh Na Tha Mujhe
-- CHORUS --
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
-- INTERLUDE --
Dard Tha Sard Tha
Seene Mein Rehta Tha Main
Harf Tha, Lafz Tha
Ishq Ka Lamha Tha Main
Na Jaane Aankhon Ko Thi Kya Talaash
Na Jaane Honthon Ko Thi Kiske Pyaas
Koyi Hosh Na Mujhe
-- CHORUS --
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
-- INTERLUDE --
Ye Zameen Aasmaan
Dekha Saara Jahan
Dhundta Phir Raha
Chupp Gaye Tum Kahan
Na Jaane Tujhko Fiza Kahan Le Udi
Meri Har Saans Ko Tujhse Judi
Koyi Hosh Na Tha Mujhe
-- CHORUS --
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
Maine Seene Laga Ke Rakha
Taweez Bana Ke Tujhe
SONG
KARAOKE
हिंदी गीत
-- मुखरा --
आवाज दे के तू रोक ले
मैं एक मुसाफ़िर तू सोच ले
आवारा पंछी मैं उड़ता फिरता
सुखी जमीं पे बारिश सा गिरता
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
-- अंतरा --
दर्द था, सर्द था
सीने में रहता था मैं
हर्फ़ था, लफ़्ज़ था
इश्क का लम्हा था मैं
ना जाने आँखों को थी क्या तलाश
ना जाने होंठों थी किसकी प्यास
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
-- अंतरा --
ये जमीं आसमा
देखा सारा जहाँ
ढूढता फिर रहा
छुप गए तुम कहाँ
ना जाने तुझको फिजा कहाँ ले उड़ी
मेरी हर सांस को तुझसे जुडी
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
आवाज दे के तू रोक ले
मैं एक मुसाफ़िर तू सोच ले
आवारा पंछी मैं उड़ता फिरता
सुखी जमीं पे बारिश सा गिरता
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
-- अंतरा --
दर्द था, सर्द था
सीने में रहता था मैं
हर्फ़ था, लफ़्ज़ था
इश्क का लम्हा था मैं
ना जाने आँखों को थी क्या तलाश
ना जाने होंठों थी किसकी प्यास
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
-- अंतरा --
ये जमीं आसमा
देखा सारा जहाँ
ढूढता फिर रहा
छुप गए तुम कहाँ
ना जाने तुझको फिजा कहाँ ले उड़ी
मेरी हर सांस को तुझसे जुडी
कोई होश ना था मुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
मैंने सीने लगा के रखा
तावीज़ बनना के तुझे
-- "Thanks for Reading" --